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अब अनुकंपा नौकरी की राह थोड़ी कठिन हो जाएगी. नियुक्ति देते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि तब तक उसके परिवार में से कोई अन्य आश्रित की तो सरकारी सेवा नहीं लगी है.
अब अनुकंपा नौकरी की राह थोड़ी कठिन हो जाएगी. नियुक्ति देते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि तब तक उसके परिवार में से कोई अन्य आश्रित की तो सरकारी सेवा नहीं लगी है.
कार्मिक विभाग की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद अब संबंधित हर सरकारी विभाग इस बारे में अपनी जांच रिपोर्ट देगा. साथ ही प्रार्थी को अपना स्व प्रमाणित शपथ पत्र भी देना होगा कि उसके अलावा मृतक का अन्य आश्रित पहले से ही सरकारी सेवा में नियुक्त नहीं है.
अधिसूचना जारी
कार्मिक विभाग की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद अब संबंधित हर सरकारी विभाग इस बारे में अपनी जांच रिपोर्ट देगा. साथ ही प्रार्थी को अपना स्व प्रमाणित शपथ पत्र भी देना होगा कि उसके अलावा मृतक का अन्य आश्रित पहले से ही सरकारी सेवा में नियुक्त नहीं है.
अधिसूचना जारी
अभी तक अनुकंपा नियुक्ति के लिए सरकारी कर्मचारी आवेदन करता है और प्रक्रिया में छह माह से एक साल या कभी उससे ज्यादा समय लग जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान मृतक का अन्य आश्रित या आवेदनकर्ता के परिवार का अन्य सदस्य सरकारी सेवा में लग जाता था. वहीं यह नियम है कि मृतक के परिवार में से किसी भी आश्रित की सरकारी नौकरी नहीं हो तो ही सरकार किसी एक आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दे सकती है.
इसके पीछे मंशा यह है कि मृतक के परिवार में से किसी एक और वास्तविक जरूरतमंद आश्रित को ही सरकार सरकारी नियुक्ति देने की अनुकंपा करे. उधर अभी तक अनुकंपा नियुक्ति देते समय संबंधित सरकारी विभागों में यह परीक्षण किया जाता है कि मौत के समय तक तो मृतक के परिवार में किसी आश्रित की सरकारी नौकरी तो नहीं है.
इसके पीछे मंशा यह है कि मृतक के परिवार में से किसी एक और वास्तविक जरूरतमंद आश्रित को ही सरकार सरकारी नियुक्ति देने की अनुकंपा करे. उधर अभी तक अनुकंपा नियुक्ति देते समय संबंधित सरकारी विभागों में यह परीक्षण किया जाता है कि मौत के समय तक तो मृतक के परिवार में किसी आश्रित की सरकारी नौकरी तो नहीं है.
अब इस अधिसूचना के बाद मृतक की मौत के समय ही नहीं उसके परिवार के किसी आश्रित को नियुक्ति देते समय भी यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अन्य आश्रित को सरकारी सेवा में नियुक्ति तो नहीं दी गई है. सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि यह उनके हितों पर कुठाराघात है.
विभागों को किया जाएगा पाबंद
अधिसूचना जारी होने के बाद सभी सरकारी विभागों को पाबंद किया जाएगा कि वह अपने स्तर पर जांच करे कि अनुकंपा नियुक्ति के समय तो मृतक का अन्य आश्रित सरकारी सेवा में नियुक्ति तो नहीं पा चुका है. उस विभाग की जांच रिपोर्ट और अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन करने वाले प्रार्थी के शपथ पत्र के बाद ही अनुकंपा नियुक्ति के आदेश जारी किए जा सकेंगे.
विभागों को किया जाएगा पाबंद
अधिसूचना जारी होने के बाद सभी सरकारी विभागों को पाबंद किया जाएगा कि वह अपने स्तर पर जांच करे कि अनुकंपा नियुक्ति के समय तो मृतक का अन्य आश्रित सरकारी सेवा में नियुक्ति तो नहीं पा चुका है. उस विभाग की जांच रिपोर्ट और अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन करने वाले प्रार्थी के शपथ पत्र के बाद ही अनुकंपा नियुक्ति के आदेश जारी किए जा सकेंगे.
राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रवक्ता नारायण सिंह का कहना है कि सरकार को इसके बजाय प्रक्रियागत खामी दूर करते हुए अनुकंपा नियुक्ति में होने वाली देरी को कम करना चाहिए. लेकिन इसके बजाय सरकार मृतक के परिवार की परेशानी और बढ़ा रही है.
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