Sunday, April 26, 2020

देश में अनोखा मामला, स्टाफ नर्स ने केवल 3 दिन में ही अस्पताल में फाइट कर जीती कोरोना से जंग

जयपुर। अगर मन में पूर्ण इच्छा शक्ति हो तो बड़ी से बड़ी से बड़ी जंग को जीता जा सकता है। हाल ही में जयपुर में एक कोरोना कर्मवीर ने यह कर दिखाया। एक स्टाफ नर्स मंजू लता शर्मा को जैसे ही यह आभास हुआ कि उन्हें कोरोना का संक्रमण लग गया है उन्होंने अपने परिवार से दूरी बनाकर उपचार लेना शुरू कर दिया। जांच में पॉजिटिव आने के बाद तीन दिन अस्पताल रहीं।
24 अप्रेल को रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद देर रात एसएमएस अस्पताल की टीम उन्हें घर छोड़ने आई। इस दौरान कॉलोनी के लोगों ने कोरोना मरीज से दूर भागने के बजाय पुष्प वर्षा और तालियां बजाकर उनका अभिनंदन किया। देश में यह एक अनौखा मामला है। यह महिला पेशे से स्टाफ नर्स है।

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IMAGE CREDIT: केवल 3 दिन में जीती कोरोना से जंग, घर पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत

मानसरोवर के अग्रवाल फार्म स्थित डिस्पेंशरी में इनकी ड्यूटी है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दिनों से इनकी ड्यूटी प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस अस्पताल के कोरोना आईसीयू में लगाई गई थी। कोरोना कर्मवीर ने पत्रिका टीवी को बताया कि 14-15 अप्रेल को उन्हें श्वांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस पर डॉक्टर से सलाह लेकर क्लोरोफीन की टेबलेट ली। इस दौरान आयुर्वेद औषधि का काढ़ा भी पीया।
तकलीफ ज्यादा बढ़ने पर 17 अप्रेल को कोरोना की जांच करवाई। इस दौरान डॉक्टर से परामर्श करके हाइड्रोक्सी क्लोरोक्यूइन टेबलेट ली। उन्होंने बताया कि यह दवा कोरोना की बीमारी में संजीवनी साबित हुई है। यह बाजार में उपलब्ध नहीे है लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें लाकर दी। सात दिन में 400एमजी यह दवा लेनी पड़ती है।
 मंजू लता ने बताया कि 21 अप्रेल को कोरोना की जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव आने पर यहां एसएमएस अस्पताल में भर्ती करा दिया। पति सतीश शर्मा व दोनों बच्चे अभी पूर्णिमा कॉलेज में क्वारेंटाइन पर है। इस दौरान दो बार जांच करवाई जिसमें कोरोना नेगेटिव आ गया। 24 अप्रेल की रात को एसएमएस अस्पताल की टीम वापस घर पर छोड़कर गई। थोड़ी से समझदारी से कोरोना पर जीत हासिल की दूसरे लोगों को कोरोना होने से भी बचा लिया।

Saturday, April 4, 2020